वीडियो जानकारी:
शब्दयोग सत्संग
०५ अप्रैल, २०१७
अद्वैत बोधस्थ्ल, नॉएडा
प्रसंग:
सत्य को व्यबस्थित नहीं क्या जा सकता है? ऐसा क्यों कह रहे कृष्णमूर्ति?
सत्य का अनंत नाम क्यों?
क्या सत्य को समर्पित मौन से ही जाना जा सकता है?
"मौन कठिन है और दुसाध्य है उसके साथ खिलवाड़ मत करना" ऐसा कृष्णमूर्ति क्यों कह रहे है?
संगीत: मिलिंद दाते